क्या आप भी बवासीर यानी पाइल्स से पीड़ित हैं, जो दवा लेने के बाद भी आपके मलाशय और गुदा क्षेत्र में गंभीर समस्या पैदा करती है? यही कारण है कि बवासीर की बीमारी को ठीक करने के लिए लेजर सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। बवासीर के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ गुदा रोग विशेषज्ञ से मुफ्त परामर्श बुक करने के लिए हमें फोन करें।
बवासीर क्या है?
बवासीर, पाइल्स का शब्द है। बवासीर से पीड़ित व्यक्ति उठने-बैठने में काफी कठिनाई का सामना करता है। इस बीमारी में गुदा-ऐनस (मलत्याग का भाग) के अंदरूनी और बाहरी हिस्से और मलाशय (रेक्टम) के निचले हिस्से की शिराओं में सूजन होती है। इससे ऐनस के अंदर और बाहर एक जगह पर मस्से की अंदर बाहर दोनों तरह की स्थिति बनती है। मेडिकल भाषा में इसे बवासीर या हेमरॉइड्स कहा जाता है।
किसी भी उम्र के व्यक्ति को बवासीर का दर्द सहना बहुत मुश्किल होता है। बवासीर के कारण किसी भी व्यक्ति को बैठने और शौच करने में बहुत दर्द होता है। गुदा क्षेत्र में मलाशय के आसपास की नसों में सूजन होने से बवासीर नामक गंभीर बीमारी होती है। इंग्लिश में पाइल्स कहते हैं। आइए बवासीर पाइल्स (piles) के बारे में जानें और जानें कि बवासीर का इलाज क्या है और लेजर ऑपरेशन से हमेशा के लिए बवासीर से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है?आयुर्वेद भी बवासीर का इलाज कर सकता है। आयुर्वेदिक उपचार बवासीर के चार स्तरों में से पहले और दूसरे को ठीक कर सकता है। Grade 4 की बवासीर गंभीर होती है। यही कारण है कि ग्रेड चार के बवासीर का केवल सर्जिकल उपचार होता है।
पाइल्स (बवासीर) के इलाज के दौरान होने वाली जांच
Bavarir ka ilaaj (पाइल्स का इलाज) शुरू करने से पहले डॉक्टर आपको शारीरिक जांच करने की सलाह देते हैं। लेकिन गुदा के आंतरिक भाग में बवासीर का संक्रमण अधिक फैलने वाले मामलों में, प्रोक्टोलॉजिस्ट एनस मलाशय की डिजिटल रेक्टल जांच करवाने को प्राथमिकता देते हैं।
आंतरिक बवासीर का इलाज करते समय सर्जन निचले मलाशय (रेक्टम) को देखने के लिए प्रॉक्टोस्कोप, एनोस्कोप या सिग्मोइडोस्कोपी भी कर सकता है।
बवासीर की जांच की प्रक्रिया
गुदा क्षेत्र की जांच और कुछ शारीरिक परीक्षण ही बाहरी बवासीर की जांच कर सकते हैं। आंतरिक बवासीर का निदान करने के लिए इमेजिंग प्रक्रियाएं आवश्यक हो सकती हैं।
एंडोस्कोपी: यह गुदा लाइनिंग और मलाशय के निचले हिस्से को देखने की एक प्रक्रिया है। इसमें गुदा के भीतर एंडोस्कोप नामक उपकरण डाला जाता है। ज्यादातर रोगियों को इस प्रक्रिया के लिए एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं होती है।
रिजिड प्रोक्टो सिग्मोइडोस्कोपी: यह प्रक्रिया एनोस्कोपी की तरह है, लेकिन इसमें डॉक्टर मलाशय और आंत के निचले भाग को देखने के लिए प्रॉक्टोस्कोप नामक उपकरण का उपयोग करता है। इस प्रक्रिया में भी अधिकांश लोगों को एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं होती।
कोलोनोस्कोपी या फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी: डॉक्टर कोलोनोस्कोपी या फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी की सलाह दे सकते हैं अगर पाइल्स के लक्षण किसी अन्य पाचन तंत्र की बीमारी का संकेत देते हैं। यह परीक्षण जरूरी है क्योंकि बवासीर और गुदा कैंसर के लक्षण बहुत मिलते-जुलते हैं।
बवासीर के मस्से कैसे सुखाए जाएँ?
गुदा क्षेत्र की नसों में सूजन के कारण बवासीर में मस्सों का निर्माण होता है। ये मस्से सूजे हुए लगते हैं, जिनमें रक्त या पस है। मस्से, या बवासीर के ग्रेड, समय के साथ बढ़ते रहते हैं। बवासीर के मस्सों को सुखाने के कुछ उपाय हैं: गर्म पानी से स्नान करना, बर्फ से मस्सों को सिकाना, नरियल के तेल का लेप लगाना, विच हेजल का उपयोग करना और डॉक्टर द्वारा दी गई दवा लेना। हालाँकि, बवासीर के लक्षणों की गंभीरता और मरीज की स्वास्थ्य स्थिति पर इस उपाय का निर्धारण होता है।
बवासीर के मस्से को जड़ से दूर करने के लिए कई लोग घरेलू उपचार अपनाते हैं, लेकिन ग्रेड 1 या उससे निचले स्तर का बवासीर होने वाले कुछ लोगों में बवासीर के लक्षण नहीं दिखाई देते। लेकिन कुछ लोगों को घरेलू उपायों से कोई फायदा नहीं मिलता। कारण स्पष्ट है: घरेलू नुस्खे मस्से को हमेशा नहीं दूर कर सकते। बवासीर के मस्से को जड़ से दूर करने का सबसे अच्छा उपाय सर्जिकल उपचार है।